बांग्लादेशियों ने अपने राष्ट्रपिता का घर फूंका

बांग्लादेश में एक बार फिर बवाल मच गया है और इस बार मामला शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक घर से जुड़ा है। 5 फरवरी, 2025 को ढाका स्थित बांगलादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के घर में तोड़फोड़ की गई, और उसके बाद इस घर को आग के हवाले भी कर दिया गया। यह घटना तब हुई जब शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ऑनलाइन संबोधन दे रही थीं। जैसे ही उन्हें इस बात की खबर मिली, वह गुस्से से उबाल पड़ीं और देशवासियों से सवाल करने लगीं, "क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया?"
हसीना को इस घटना ने गहरे आहत किया, खासकर जब उनके पिता का घर जो स्वतंत्रता संग्राम की गवाह है, तोड़ा गया। उन्होंने अपने संबोधन में बांग्लादेशियों से पूछा, "क्या मैंने कुछ नहीं किया? क्या मैंने आपके लिए कोई काम नहीं किया? तो फिर उस घर को क्यों तोड़ा गया, जहां मेरे पिता ने आजादी का नारा दिया था?" उन्होंने इस कार्रवाई के पीछे के लोगों के बारे में जानने की इच्छा जताते हुए कहा, "मुझे इंसाफ चाहिए।"
इस ऐतिहासिक घर को पहले एक स्मारक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया था, लेकिन अब इसे निशाना बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर बुलडोजर जुलूस का आह्वान किया गया था, और अब इस मुद्दे को लेकर बांग्लादेश में हंगामा और अधिक बढ़ने की संभावना है। यहां तक कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को बैन करने की भी मांग उठ रही है।
इसके साथ ही, शेख हसीना ने अपने संबोधन में मोहम्मद यूनुस की सरकार पर भी कड़ा हमला बोला। उन्होंने देशवासियों से कहा कि उन्हें उस सरकार के खिलाफ प्रतिरोध करना चाहिए, जो "हमारे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस आज़ादी को नष्ट करने की कोशिश कर रही है, जिसे हमने शहीदों के खून से हासिल किया है।"
यह घटनाएँ बांगलादेश के अंदर गहरे राजनीतिक और सामाजिक बदलाव की ओर इशारा करती हैं, जो देश के भीतर असंतोष और विभाजन को बढ़ा सकती हैं। शेख हसीना की प्रतिक्रिया और उनके सवाल दर्शाते हैं कि वह अपने पिता की विरासत को बचाने और उसकी अहमियत को समझाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।