प्रधानमंत्री मोदी ने की डिरेगुलेशन कमीशन के गठन की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि सरकार एक डिरेगुलेशन कमीशन (नियमों में ढील देने वाला आयोग) स्थापित करेगी, जिसका उद्देश्य शासन के हर क्षेत्र में सरकार की भूमिका को और कम करना है। पीएम मोदी ने एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में कहा कि सरकार ने सैकड़ों पुराने और अव्यवहारिक नियमों को खत्म कर दिया है, और अब 'जन विश्वास 2.0' के तहत और भी गैर-जरूरी नियमों को हटाया जा रहा है ताकि व्यापार और उद्योग में आसानी हो सके।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरा मानना है कि समाज में सरकार का दखल कम से कम होना चाहिए। इसी सोच के तहत हम डिरेगुलेशन कमीशन बना रहे हैं, जो कारोबार के क्षेत्र में और भी सुधार करेगा।" यह कदम सरकार की विकासोन्मुखी नीतियों और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम है।
निजी क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत की आर्थिक यात्रा में निजी क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर 2047 तक एक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए। सरकार ने कई क्षेत्रों जैसे 'न्यूक्लियर एनर्जी', 'अंतरिक्ष', 'वाणिज्यिक खनन' और 'पावर डिस्ट्रीब्यूशन' को निजी निवेश के लिए खोल दिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति में न केवल सक्रिय रूप से भाग लेगा, बल्कि उसमें नेतृत्व भी करेगा।
स्वामित्व योजना से संपत्ति अधिकारों की मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की 'स्वामित्व योजना' की भी सराहना की, जिससे संपत्ति अधिकारों को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा, "दुनिया में बहुत से लोग अपनी संपत्तियों के कानूनी दस्तावेज़ से वंचित हैं। संपत्ति के अधिकार गरीबी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन पिछली सरकारों ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया। हमने 'स्वामित्व योजना' शुरू की और इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में 100 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां वैध हो गईं।"
विश्व मंच पर भारत की बढ़ती ताकत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत वैश्विक मंचों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "फ्रांस में हुई एआई एक्शन समिट में भी भारत की भूमिका महत्वपूर्ण रही। आज भारत दुनिया के भविष्य से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा का केंद्र बन चुका है और कई मामलों में नेतृत्व कर रहा है।"
यह सभी पहलें न केवल भारत को एक मजबूत आर्थिक और राजनीतिक ताकत के रूप में प्रस्तुत करती हैं, बल्कि इसके साथ ही यह भी साबित करती हैं कि सरकार का उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर बनाना और हर भारतीय को सशक्त करना है।