पवार साहेब ने मुझे कभी गुगली नहीं डाली- उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

शरद पवार द्वारा डाली गई गुगली किसी को समझ में नहीं आती, न तो पास बैठे लोगों को और न ही जिनके साथ वे बैठे हों , उन्हें भी ये समझ में नहीं आती । लेकिन पवार साहेब ने मुझे कभी गुगली नहीं डाली, ऐसा बयान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया। उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार साहेब से यह सीखना चाहिए कि राजनीति में रिश्तों को कैसे संजोया जाता है। इस दौरान उन्होंने शरद पवार की तारीफ करते हुए उन्हें नमन किया।
ज्येष्ठ नेता शरद पवार के हाथों राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को 'महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। पुणे की सरहद संस्था की ओर से यह पुरस्कार दिया गया था। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित थे।
इस साल अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन दिल्ली में आयोजित हो रहा है। इसी उपलक्ष्य में सरहद संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाले सम्माननीय व्यक्तियों का सम्मान किया गया। इस दौरान महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार से एकनाथ शिंदे का भी सम्मान किया गया। पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपये, मानपत्र, सन्मानचिन्ह और शिंदेशाही पगड़ी दी गई।
पवार हमें कभी गुगली नहीं डालेंगे
एकनाथ शिंदे ने कहा, "शरद पवार के ससुर सदाशिव शिंदे क्रिकेट में गुगली डालते थे, लेकिन पवार साहेब ने जो राजनीति में गुगली डाली, उसे कई लोगों ने समझा नहीं। कभी-कभी तो जो लोग पास बैठे थे या जिनके साथ बैठाए गए थे, उन्हें भी यह गुगली समझ में नहीं आई। अब मैं थोड़ा अलग कहता हूं। मेरे पवार साहेब के साथ स्नेहपूर्ण संबंध हैं, इसलिए उन्होंने मुझे कभी भी गुगली नहीं डाली और न ही भविष्य में डालेंगे, यह निश्चित है।"
राजनीति में विभिन्न परिस्थितियों में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। विभिन्न विचारधाराओं के होते हुए भी हमें उनसे संबंध बनाए रखना जरूरी होता है। राजनीति में रिश्तों को कैसे संजोना है, यह पवार साहेब से सीखने की बात एकनाथ शिंदे ने कही।
महादजी शिंदे पुरस्कार गर्व का विषय
एकनाथ शिंदे ने कहा कि महादजी शिंदे पुरस्कार से सम्मानित होना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा, "महादजी शिंदे ने पानिपत की लड़ाई में हार के बाद सिर्फ 10 साल में दिल्ली पर भगवा लहराया। 10 फरवरी को इस पराक्रम को 254 वर्ष हो गए। अटक से लेकर कटक तक उन्होंने मराठों का भगवा फहराया। उन्होंने सचमुच सभी को एकजुट किया। उनका कार्यकाल सभी के सामने आना चाहिए। यह पुरस्कार मेरे लिए गर्व का विषय है, यह मेरे लाखों कार्यकर्ताओं और समर्पित समर्थकों का सम्मान है।"
कम समय में बेहतरीन काम किया
एकनाथ शिंदे ने कहा, "हमने कभी भी राजनीति में नकारात्मक टिप्पणी नहीं की। हम पर कई आरोप लगाए गए, लेकिन हमने काम के जरिए उनका जवाब दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद यह महसूस हुआ कि समय कम है, इसलिए हम तेजी से काम करने लगे। विकास और कल्याण के कार्यों में तेजी से काम शुरू किया।"