नया आयकर कानून संसद के आगामी बजट सत्र में किया जाएगा पेश

सरकार के सूत्रों के अनुसार, एक नया आयकर कानून संसद के आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा। यह नया कानून मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधन नहीं करेगा, बल्कि इसे पूरी तरह से नया रूप दिया जाएगा। इस नए कानून का उद्देश्य मौजूदा आयकर कानून को सरल, स्पष्ट और समझने में आसान बनाना है, और इसमें पृष्ठों की संख्या को लगभग 60 प्रतिशत तक कम किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 के बजट में इस कानून की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी।
आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा के लिए सीबीडीटी ने एक आंतरिक समिति का गठन किया है, जो इस अधिनियम को संक्षिप्त और स्पष्ट बनाने का काम करेगी। इसके साथ ही 22 विशेष उप-समितियां बनाई गई हैं, जिनका उद्देश्य अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करना है। सरकार ने चार प्रमुख श्रेणियों में सुझाव आमंत्रित किए हैं: भाषा का सरलीकरण, मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन में कमी, और अप्रचलित प्रावधानों को हटाना।
इस समीक्षा के बाद आयकर अधिनियम में मौजूदा 298 धाराओं और 23 अध्यायों में से लगभग 60 प्रतिशत को हटाने का प्रयास किया जाएगा। सीतारमण ने जुलाई में इस बदलाव को लेकर कहा था कि इस समीक्षा का मुख्य उद्देश्य कानून को सरल और समझने योग्य बनाना है, जिससे करदाताओं को कर की निश्चितता मिल सके और विवादों और मुकदमेबाजी में कमी आए।
यह नया आयकर विधेयक संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पेश किया जा सकता है, जो 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्य सभा के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगी और इसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा।