AI अकेले भारत को 15 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बना सकता है

AI  अकेले भारत को 15 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बना सकता है
AI image of futuristic business

भारत सरकार ने देश की इकोनॉमी को पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, लेकिन इस लक्ष्य के अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अकेले भारत को 15 ट्रिलियन डॉलर यानी 15 लाख करोड़ के अवसर देने जा रहा है। यह अनुमान ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी के चीफ एआई ऑफिसर जो एटकिंसन ने व्यक्त किया है। उनका मानना है कि आने वाले सालों में एआई आधारित माइक्रो ट्रांजैक्शन और पर्सनलाइज्ड सेवाओं की मांग बढ़ने वाली है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक नया आयाम खोलेगी।

इस संदर्भ में, सप्लाई चेन में एआई आधारित सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता होगी, जो भारत में एआई इकोनॉमी को मजबूती प्रदान करेगी। कुछ कंपनियों ने शुरू में हिचकिचाते हुए भी, प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए एआई डेटा आधारित फैसले लेने और इनोवेशन को प्रमोट करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। बड़ी कंपनियां अब कंज्यूमर बिहेवियर को समझने और विकास के नए अवसर तलाशने के लिए भी एआई का इस्तेमाल कर रही हैं।

सप्लाई चेन और वेंडर मैनेजमेंट में एआई का प्रभुत्व

आने वाले कुछ वर्षों में सप्लाई चेन से लेकर वेंडर मैनेजमेंट तक में एआई का बोलबाला होने वाला है। वर्तमान में, कंपनियां क्लायंट और कंज्यूमर की बड़ी संख्या के साथ बड़े डेटा पूल के आधार पर डील करती हैं और इसके लिए एक बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाता है, जिसमें ट्रेंड कर्मचारी इस कार्य को अंजाम देते हैं। लेकिन भविष्य में, एआई इस काम को अधिक कुशलता और तेजी से करेगा, जिससे नए और लाभकारी बिजनेस मॉडल का रास्ता खुलेगा। हालांकि, कई भारतीय बिजनेस लीडर अभी तक एआई की अद्भुत क्षमता को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं, जबकि यह उत्पादन प्रणाली में क्रांति लाने का सामर्थ्य रखता है। भारत में अधिकांश बड़ी कंपनियों ने एआई का उपयोग शुरू कर दिया है, और आने वाले समय में कोई भी सेक्टर इससे अछूता नहीं रहेगा।

इस प्रकार, एआई भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक नया विकास मार्ग तैयार कर रहा है, जो भविष्य में समग्र उत्पादन और व्यापार की प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।