नए कर ढांचे से 5.65 करोड़ करदाताओं को फायदा, SBI रिपोर्ट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश किया, जिसमें कई महत्वपूर्ण एलान किए गए। इस बजट में टैक्स स्लैब को लेकर कई अहम बदलाव किए गए हैं, जो विशेष रूप से मध्यवर्गीय परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से किए गए हैं। इसके बाद, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने इस बदलाव के प्रभावों को और स्पष्ट किया। रिपोर्ट के मुताबिक, नए कर ढांचे से 5.65 करोड़ करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, और इससे देश में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की कर बचत हो सकती है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
SBI द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित नए कर ढांचे से लगभग 5.65 करोड़ करदाताओं को फायदा होगा, जो सालाना 4 लाख रुपये और उससे अधिक की आय वाले हैं। इनमें से विशेष रूप से वे लोग लाभान्वित होंगे, जो 8 लाख से 12 लाख रुपये तक सालाना कमाते हैं। ऐसे करदाताओं को इस नए ढांचे से सबसे ज्यादा फायदा होने की संभावना है।
1 लाख करोड़ रुपये की बचत की संभावना
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन करदाताओं को सामूहिक रूप से करीब 1 लाख करोड़ रुपये की कर बचत हो सकती है। साथ ही, इस कर बचत के कारण खपत में भी वृद्धि होने की संभावना है, जो कुल 3.3 लाख करोड़ रुपये तक हो सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि खपत में यह वृद्धि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगी, जिससे रोजगार सृजन और समग्र आर्थिक खुशहाली को बढ़ावा मिलेगा।
नए कर ढांचे से बढ़ेगी खपत
SBI रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि खपत में इस बढ़ोत्तरी से विभिन्न क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि यह उत्पादन और सेवाओं के क्षेत्र में भी तेजी लाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था में गतिशीलता बढ़ेगी। उच्च उपभोग स्तर से रोजगार सृजन भी हो सकता है, जो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेगा।
आयकर रिटर्न की प्रक्रिया में बदलाव
इस बजट में केवल कर स्लैब में ही बदलाव नहीं हुआ, बल्कि आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किए गए हैं। अब आयकर रिटर्न (ITR-U) दाखिल करने की समय सीमा 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने कर दी गई है। इस बदलाव का उद्देश्य करदाताओं को अधिक समय देना है, ताकि वे अपनी आय का विवरण स्वेच्छा से अपडेट कर सकें और किसी भी अतिरिक्त कर का भुगतान कर सकें।
क्या बोलीं वित्त मंत्री?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि लगभग 90 लाख करदाताओं ने स्वेच्छा से अपनी आय का विवरण अपडेट कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अब करदाताओं को और अधिक समय देने का प्रस्ताव कर रही है ताकि वे अपनी जानकारी अपडेट कर सकें और किसी भी कर का भुगतान कर सकें।
मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत
इस बजट में सबसे बड़ी राहत मध्यमवर्गीय परिवारों को दी गई है, खासकर उन लोगों को, जिनकी आय 8 लाख से 12 लाख रुपये के बीच है। उन्हें इस नए कर ढांचे से सबसे अधिक फायदा होने की उम्मीद है। 2023 में आयकर में राहत देने के लिए 'शून्य कर' स्लैब को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया था, और अब सरकार ने इसे और प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाए हैं।