इनकम टैक्स कानून 64 साल बाद बदलने जा रहा है; सोमवार को लोकसभा में हो सकता है पेश

अब आपको अपनी इनकम टैक्स लायबिलिटी को समझने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, टैक्स प्रैक्टिशनर या वकील के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। आने वाले समय में आप खुद ही अपनी आमदनी के हिसाब से इनकम टैक्स का कैलकुलेशन कर सकेंगे और आईटीआर फाइल करना एकदम सरल हो जाएगा। भारत का 64 साल पुराना इनकम टैक्स कानून अब पूरी तरह से बदलने जा रहा है और यह बदलाव टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम होगा।
इस नए कानून में, पुराने समय की तरह ढेर सारे एक्सेम्प्शंस और डिडक्शंस की भरमार नहीं होगी। बल्कि, टैक्स स्लैब को इस तरह से आसान बना दिया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी जटिलता के उसे समझ सके और अपनी टैक्स फाइलिंग को आसान तरीके से कर सके। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे सोमवार को लोकसभा में पेश कर सकती हैं, और यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पास हो चुका है।
नए टैक्स कानून में यह महत्वपूर्ण बदलाव होगा कि इसमें न तो नया टैक्स बर्डन डाला जाएगा, न ही इसकी प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा जटिल होगी। इसके बजाय, टैक्स पेयर्स के लिए यह कानून पहले से कहीं ज्यादा सरल और उपयोगकर्ता मित्रवत होगा। वित्त सेक्रेटरी तुहिन कांत पाडेय के अनुसार, यह नया टैक्स लॉ किसी भी व्यक्ति पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ नहीं डालेगा, बल्कि यह पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और अधिक समझने योग्य बनाएगा।
इसके अलावा, पुराने 'असेसमेंट ईयर' की जगह अब 'टैक्स ईयर' शब्द इस्तेमाल होगा, जो टैक्सपेयर के लिए इस प्रक्रिया को और भी स्पष्ट बनाएगा। यह बदलाव एक बडी शुरुआत है, जहां ना केवल टैक्स स्लैब सरल होंगे, बल्कि टैक्स भुगतान और रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को पूरी तरह से आसान बना दिया जाएगा। अब टैक्सपेयर को इस पर कोई भी उलझन नहीं होगी, और यह बदलाव भारत को एक और कदम आगे बढ़ाने में मदद करेगा।