चीन में फैलते HMPV वायरस से छात्रों के बीच तनाव, कोविड महामारी की यादें ताजा

चीन में फैलते HMPV वायरस से छात्रों के बीच तनाव, कोविड महामारी की यादें ताजा
AI generated image of a lab in China

चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस ने भारतीय छात्रों के बीच एक बार फिर से डर और तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। इसकी वजह यह है कि कोविड-19 महामारी के दौरान चीन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ा था। विशेष रूप से, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को वुहान से शुरू हुए कोविड-19 वायरस के प्रकोप के कारण कई महीने चीन में फंसे रहने पड़े थे।

चीन में कोविड महामारी के दौरान हजारों भारतीय छात्र, जिनमें अधिकांश मेडिकल स्टूडेंट्स थे, वीजा निलंबन, यात्रा प्रतिबंधों और सीमित फ्लाइट ऑप्शंस के कारण वहां फंसे हुए थे। कोरोना वायरस के फैलने के बाद चीन ने सख्त यात्रा प्रतिबंध लगाए थे, जिसके कारण भारतीय छात्रों को देश लौटने में कठिनाइयां हुईं। इसके बाद, 2022 में जब चीन ने भारतीय छात्रों के लिए वीजा फिर से जारी करना शुरू किया, तो कई छात्र वापस लौटे और अभी भी वहां पढ़ाई कर रहे हैं।

अब, HMPV वायरस के फैलने के बाद छात्रों के मन में यह डर पैदा हो गया है कि कहीं उन्हें फिर से चीन में फंसना न पड़े। हालांकि, भारत और चीन दोनों ही देशों ने अभी तक किसी भी प्रकार के यात्रा प्रतिबंध का ऐलान नहीं किया है, लेकिन इसके बावजूद छात्रों के बीच चिंताएं बनी हुई हैं।

केरल जैसे राज्यों में लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है, और चीन में भी इस वायरस के बढ़ने के बाद लोग मास्क पहनने लगे हैं। हालांकि, फिलहाल कोई बड़ी समस्या नहीं है, फिर भी छात्रों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, खासकर उन छात्रों के लिए जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए चीन में गए हैं।

भारत में करीब 10 हजार छात्र चीन में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें अधिकांश मेडिकल स्टूडेंट्स हैं। चीन में मेडिकल कोर्सेज की फीस भारतीय छात्रों के लिए काफी किफायती होती है, जिससे हर साल हजारों छात्र यहां पढ़ने के लिए जाते हैं। इस बार, हालांकि कोविड के बाद स्थिति बेहतर है, फिर भी छात्रों में चीन में फंसने का डर अब भी बरकरार है।