राजनीतिक गहमा गहमी के बीच केजरीवाल चले विपश्यना के लिए

दिल्ली चुनाव में हार के बाद सार्वजनिक जीवन से गायब रहने वाले अरविंद केजरीवाल फिलहाल पंजाब में हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि वे पंजाब में विपश्यना साधना करने गए हैं, लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या उनका पंजाब जाना वाकई सिर्फ आध्यात्मिक उद्देश्य के लिए है, या फिर इसके पीछे राजनीतिक कारण भी छिपे हैं? दरअसल, पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान को किसान आंदोलन और कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और ऐसे में अरविंद केजरीवाल की मदद की जरूरत हो सकती है।
दिल्ली चुनाव में हार के बाद अरविंद केजरीवाल सार्वजनिक रूप से केवल तीन बार दिखाई दिए हैं। पहली बार, जब उन्होंने नतीजे आने के बाद एक वीडियो जारी कर अपनी हार स्वीकार की और बीजेपी को बधाई दी। दूसरी बार, जब उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री और सभी आप विधायकों को दिल्ली बुलाकर बैठक की। तीसरी बार, जब उन्होंने आतिशी को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया। इसके बाद, अरविंद केजरीवाल फिर से किसी सार्वजनिक मंच पर नहीं दिखे।
अब, अरविंद केजरीवाल का पंजाब जाना सवालों के घेरे में है। वे पहले भी विपश्यना करते रहे हैं और इस पर कभी कोई सवाल नहीं उठे। जयपुर, धर्मशाला, बेंगलुरु में विपश्यना करने के बाद किसी ने उनकी साधना पर सवाल नहीं उठाए, लेकिन इस बार जब पंजाब में राजनीतिक स्थिति बदल रही है, और किसान आंदोलन अपने चरम पर है, तो अरविंद केजरीवाल का होशियारपुर पहुंचना और वहां से 11 किलोमीटर दूर आनंदगढ़ के धम्म धजा विपश्यना केंद्र में साधना करना एक नया राजनीतिक विमर्श जन्म दे रहा है।
विपश्यना एक ऐसी साधना है जिसमें बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं होता। मोबाइल, इंटरनेट, सोशल मीडिया से दूर, साधक केवल अपनी साधना में लीन रहता है। ऐसे में जब पंजाब में किसान आंदोलन, कृषि बिलों पर संघर्ष, और राजनीतिक उथल-पुथल चल रही हो, तो सवाल यह उठता है कि अरविंद केजरीवाल इस समय कैसे अपने आपको इन सब घटनाओं से अलग रख सकते हैं?
इसके अलावा, लुधियाना पश्चिम सीट पर उपचुनाव भी होने हैं, जिसमें कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी के उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत की उम्मीद है। इन सभी चुनावी सवालों के बीच अगर अरविंद केजरीवाल अपनी विपश्यना पूरी कर लेते हैं, तो वे सच में एक साधक माने जाएंगे, जो इन सभी सियासी मुश्किलों के बावजूद अपने उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित कर सके।
बीजेपी ने भी इस मौके को भुनाया है और दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने अरविंद केजरीवाल के काफिले पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पंजाब के खजाने से लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
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