प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में लगाई डुबकी

प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में लगाई डुबकी
पीएम मोदी ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

हिंदू पंचांग के अनुसार 5 फरवरी को माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से ध्यान, तप, और साधना के लिए उपयुक्त माना गया है। इस दिन स्नान और साधना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसी खास दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर न सिर्फ धार्मिक आस्थाओं को सम्मानित किया, बल्कि देश और दुनिया को एकता का संदेश भी दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाई। पांच डुबकियों के साथ, उन्होंने भारत के सुख, समृद्धि और विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान वह रुद्राक्ष की माला का जप भी करते हुए नजर आए। उन्होंने विधिपूर्वक गंगा पूजन और आरती की । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मौके पर उनके साथ थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर काले कुर्ते, भगवा पटके और हिमाचली टोपी में त्रिवेणी संगम पर पूजा अर्चना की। वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच उन्होंने अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। इसके बाद उन्होंने तीनों पावन नदियों की आरती की और उपस्थित तीर्थ पुरोहित से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वभर के श्रद्धालुओं ने प्रधानमंत्री मोदी के संग संगम स्नान में भाग लिया। हर हर गंगे और मोदी-मोदी के जयकारे संगम तट पर गूंजते रहे।

प्रधानमंत्री मोदी का संगम स्नान महाकुंभ के दौरान हुआ, जहां लाखों श्रद्धालु जुटे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने पूरी दुनिया को 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' और 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश दिया। साथ ही, यह दिन गुप्त नवरात्रि और भीष्माष्टमी के योग का भी संयोग था, जो इसे और भी विशेष बना देता है। गुप्त नवरात्रि पर जहां देवी पूजन होता है, वहीं भीष्माष्टमी पर श्रद्धालु अपने पूर्वजों के तर्पण और श्राद्ध करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के संग संगम स्नान के बाद, उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं की जानकारी ली और श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया। इस दौरान बोट से भ्रमण करते हुए उन्होंने त्रिवेणी संगम में उपस्थित श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया। प्रधानमंत्री मोदी का संगम स्नान और उनके साथ लाखों श्रद्धालुओं का पवित्र स्नान एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय क्षण था। 

महाकुंभ के शुभारंभ से एक माह पूर्व, 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज का दौरा किया और 5500 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात दी थी। इनमें यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन, आरओबी फ्लाईओवर, सड़क चौड़ीकरण और स्थायी घाटों की परियोजनाएं शामिल थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने अक्षयवट, सरस्वती कूप, और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के लिए भी विशेष परियोजनाओं का शुभारंभ किया था।

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