तेजस्वी यादव का बिहार विज़न कसौटी पर उतरेगा खरा ?

तेजस्वी यादव ने बिहार में बेरोजगारी को खत्म करने और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर देने की दिशा में जो वादे किए हैं, वह एक स्वागत योग्य पहल है। ‘युवा चौपाल’ कार्यक्रम में तेजस्वी ने जो घोषणाएं की हैं, वह बिहार के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई हैं। बिहार जैसे राज्य में जहां बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बन चुकी है, वहां युवाओं के लिए रोजगार की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, और तेजस्वी ने इस दिशा में अपने विजन को स्पष्ट रूप से रखा है।

उनकी घोषणा के मुताबिक, अगर राजद सरकार बनती है, तो बिहार में नौकरियों में 100% डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी। इसका मतलब है कि बिहार के युवाओं को अब अपनी शिक्षा और कौशल के आधार पर राज्य में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य से बाहर जाने की मजबूरी समाप्त होगी। इसके साथ ही, तेजस्वी ने बिहार सरकार की नौकरियों के लिए आवेदन शुल्क माफ करने और एक महीने के अंदर युवा आयोग का गठन करने का भी वादा किया है, जो युवाओं के मुद्दों को सही तरीके से उठाने और समाधान करने में मदद करेगा।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या उनका विज़न कसौटी पर खरा उतरेगा ? बिहार की जनता तीन दशक से लगातार विकास की दौड़ में पिछड़ती जा रही है। 

तेजस्वी यादव ने अपने वादों को पूरा करने का भरोसा जताया है।  अगर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता मिली, तो वह इन वादों को पूरा करेंगे। देखते हैं कि अगले चुनाव में बिहार की जनता उनकी बातों को किस तरह लेती है।