ट्रंप की धमकी से फार्मा कंपनियों के शेयर धड़ाम

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस फैसले का असर आज बुधवार को फार्मा कंपनियों के शेयरों पर साफ देखा गया, जहां कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई। इससे पहले ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम पर भी 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसका असर उस क्षेत्र से जुड़े शेयरों पर भी पड़ा था।
भारत के लिए यह खबर काफी चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि अमेरिका भारतीय दवाओं का सबसे बड़ा इंपोर्टर है। वित्तीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत ने अमेरिका को 8.73 बिलियन डॉलर की दवाएं निर्यात की थीं, जो कुल फार्मा निर्यात का लगभग 31 प्रतिशत हैं। इस प्रकार, ट्रंप के इस ऐलान से भारतीय फार्मा उद्योग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
इंडियन फार्मास्यूटिकल एलायंस (IPA) के महासचिव सुदर्शन जैन ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच स्वास्थ्य सेवा में एक लंबा सहयोग इतिहास रहा है, और उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहेगी और इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा।
ट्रंप के इस प्रस्ताव के बाद भारतीय शेयर बाजार में फार्मा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा, और सिप्ला जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयर 10 प्रतिशत तक गिर गए हैं। नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले का असर डॉ. रेड्डीज, ल्यूपिन और सिप्ला जैसी कंपनियों की कमाई पर 6.5 प्रतिशत तक हो सकता है।
लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप का यह कदम सिर्फ भारत के लिए ही नुकसानकारी नहीं होगा, बल्कि अमेरिका को भी इससे परेशानी हो सकती है। हेल्थकेयर डिस्ट्रीब्यूशन एलायंस (HDA) ने चेतावनी दी है कि टैरिफ की वजह से अमेरिका में जेनेरिक दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं और दवाओं की कमी भी हो सकती है, जो अमेरिका के स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव डाल सकता है।