आरजी कर अस्पताल की प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी संजय रॉय दोषी करार

सियालदह कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल की प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में एकमात्र आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया। कोर्ट के जज अनिर्वाण दास ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने 9 अगस्त 2024 को सुबह करीब 4 बजे अस्पताल के सेमिनार रूम में सो रही पीजी प्रशिक्षु पर हमला किया। पहले तो उसने डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। जज ने फैसले में अपराध की जगह और आरोपी के मोबाइल टावर लोकेशन का विश्लेषण किया, साथ ही पुलिस और अस्पताल अधिकारियों की गतिविधियों की आलोचना भी की।
जज ने कहा कि इस मामले में अभियोजन पक्ष का मामला मुख्य रूप से परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित था। कोर्ट ने बताया कि शिकायतकर्ता-पीड़िता के पिता द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब फैसले में दिया गया है। इसके आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत आरोप तय किए गए थे और गवाहों के बयानों और दस्तावेजों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया।
न्यायाधीश ने आगे कहा कि धारा 64 (दुष्कर्म) के तहत आरोपी को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है, जिसे आजीवन कारावास में भी बदला जा सकता है। धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे निष्क्रिम अवस्था में पहुंचाने के लिए) में 20 साल तक की सजा का प्रावधान है। धारा 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
इस मामले में न्यायाधीश ने अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों की गतिविधियों पर भी ध्यान दिया, जिनमें संदीप घोष के साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने और एफआईआर में कथित देरी करने का आरोप था। घोष को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और वह अब भी जेल में बंद हैं।