"अल्लाहु-अकबर" का नारा लगाते हुए चाकू से हमला ; एक व्यक्ति की मौत

"अल्लाहु-अकबर" का नारा लगाते हुए चाकू से हमला ;  एक व्यक्ति की मौत
The Crime Scene in France

फ्रांस के मुलहाउस शहर में शनिवार (22 फरवरी) को एक चाकू हमले ने देश को फिर से आतंकवाद की भयावहता का सामना कराया। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल थे। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे एक इस्लामी आतंकवादी कृत्य करार दिया, जो फ्रांस में आतंकवाद से जुड़े हालिया हमलों की कड़ी में एक नई घटना के रूप में सामने आया।

'द एसोसिएट प्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला उस समय हुआ जब मुलहाउस में कांगो के समर्थन में एक प्रदर्शन हो रहा था। इस दौरान हमलावर ने "अल्लाहु-अकबर" का नारा लगाते हुए चाकू से हमला किया। संदिग्ध की उम्र 37 वर्ष थी और वह फ्रांस की निगरानी सूची FSPRT में था, जो कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका वाले व्यक्तियों की निगरानी करता है। यह सूची 2015 में चार्ली हेब्दो और यहूदी सुपरमार्केट पर हुए हमलों के बाद बनाई गई थी।

हमलावर को फ्रांस से निष्कासन का आदेश मिल चुका था, और वह न्यायिक निगरानी में था। घटना के तुरंत बाद, पुलिस ने सुरक्षा घेरा बना लिया और स्थिति को काबू में कर लिया। अभियोजक निकोलस हेइट्ज ने बताया कि हमले में एक पुलिस अधिकारी को गंभीर चोटें आईं, जिनमें से एक को गर्दन की धमनी में चोट लगी, जबकि दूसरे को छाती में घाव हुए।

फ्रांस की राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी अभियोजक इकाई (PNAT) ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। मुलहाउस की मेयर मिशेल लुत्ज़ ने इसे एक डरावना कृत्य बताया और कहा कि जांच के बाद ही आतंकवादी कृत्य होने की पुष्टि की जा सकेगी।

यह घटना फ्रांस में बढ़ती इस्लामी आतंकवादी गतिविधियों की एक नई कड़ी है, जो सुरक्षा चुनौतियों को और गहरा करती है। राष्ट्रपति मैक्रों ने इस हमले को आतंकवादी कृत्य करार देते हुए कहा कि फ्रांस को आतंकवाद के खिलाफ और सख्त कदम उठाने होंगे। 2015 में चार्ली हेब्दो हमलों के बाद से फ्रांस में सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास किए गए थे, लेकिन इस हमले ने एक बार फिर से देश की सुरक्षा चुनौतियों को उजागर किया है।